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स्वच्छ भारत अभियान

स्वच्छ भारत अभियान क्या है?  स्वच्छ भारत अभियान / क्लीन इंडिया कैंपेन प्रधानमंत्री मोदी एवं भारत सरकार द्वारा शुरू किये गए सबसे महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट में से एक है. यह अभियान राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता की ओर ध्यान देने वाला अभियान है. हालाँकि इससे पहले की सरकारों द्वारा भी इसे अलग – अलग नाम से अलग – अलग तरीके से शुरू किया गया था. परन्तु मोदी सरकार द्वारा शुरू किये गए इस प्रोजेक्ट में पहले की तुलना में काफी हद तक लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैली है. यह मिशन अपने आप में दो भागों में बंटा हुआ है. स्वच्छ भारत अभियान (ग्रामीण / रूरल क्षेत्रों के लिए), इसका संचालन पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है और स्वच्छ भारत अभियान (शहरी क्षेत्रों के लिए), इसका संचालन आवास और शहरी मंत्रालय के तहत किया जा रहा है. स्वच्छ भारत अभियान का चिन्ह स्वच्छ भारत अभियान का लोगो गाँधी जी के चश्मे की तरह है, जिसमें स्वच्छ भारत लिखा हुआ है. उन्होंने कहा था कि – यह लोगो यह दर्शाता है, कि गाँधी जी इस चश्मे के माध्यम से देख रहे है, कि उनके द्वारा शुरू की गई यह पहल कितना काम कर रही है. इस अभियान को

प्रदूषण की समस्या

प्रदुषण क्या है? हमारे आस-पास के वातावरण को दूषित या खराब करना प्रदुषण है| प्रदुषण शब्द इतना प्रचलित शब्द हो चूका है, जिसे हर दिन मे, हर एक व्यक्ति जाने-अनजाने में एक न एक बार जरुर करता है| दैनिक कार्यो से लेकर तो बड़े से बड़े कार्यो मे तक हमने अपने वातावरण को बहुत दूषित कर लिया है| जिस पर ध्यान देना बहुत ही आवश्यक हो चूका है | बढ़ते प्रदुषण को अगर नही रोका गया तो हम अपने वर्तमान के साथ भविष्य को भी अंधकार में डूबो रहे है| प्रदुषण के प्रकार जल प्रदुषण थल प्रदुषण  वायु प्रदुषण  ध्वनि प्रदुषण जल प्रदुषण – बहुत ही प्रचलित लाइन है- “जल ही जीवन है”| पर इस जल का सदुपयोग आज तक किसी ने किया है, यह बहुत बड़ा सवाल है|  जल प्रदुषण के प्रमुख कारण  गाँव , कस्बो का नगरो व महा-नगरो में रुपान्तरण  कारखानों के द्वारा  अनुचित रूप से कृषि कर अपशिष्ट प्रवाह करना  धार्मिक और सामाजिक रूप से दुरुपयोग : शव का अंतिम संस्कार, तर्पण, स्नान, अनुष्ठान आदि के चलते नदियों में प्रदुषण बड़ते जा रहा है| थल प्रदुषण – जिस धरती पर मनुष्य रहता है, उसका महत्व नही समझता| कही भी, कैसी भी गंदगी करना जैसे- कही भी कचरा कर देना, थू

भूकंप(Earthquake)

भूकंप एक ऐसी प्राकृतिक आपदा जिस पर किसी का जोर नही चलता. यह प्राकृतिक आपदा बिना कहे किसी भी जगह आजाती है जोकि, भारी जन-धन की हानि के साथ सब दूर तबाही मचा देती है. भूकंप क्या है?  भूकंप, पृथ्वी की निचली सतह मे, अचानक से कंपन्न उत्पन्न होना जिससे, पृथ्वी की सतह भाग की परतों मे गैसों के असंतुलन के कारण जो वेग उत्पन्न होती है, उन्हीं वेगों के माध्यम से संपीडन उत्पन्न होता है. तथा धरातल की उपरी सतह पर हलचल शुरू होती है. उसके साथ ही वेगों की तीव्रता की गति के अनुसार, पृथ्वी की उपरी सतह फटना व धीरे-धीरे धसना शुरू होती है. कभी-कभी भूकंप की तीव्रता की गति इतनी होती है कि, भवन,इमारते गिर जाती है. जलाशयों मे उफान आ जाता है तथा कई बार सुनामी तथा भूस्खलन तक का कारण भी भूकंप बन जाता है. भूकंप को सिसमोमीटर से नापा जाता है.  भूकंप की गणना रिएक्टर मे होती है. दो-तीन रिएक्टर सामान्य माना जाता है जबकि, सात तथा उससे रिएक्टर बहुत ही तीव्र व खतरनाक भूकंप माने जाते जो कि, भारी तबाही के रूप होते है. भूकंप का कारण  भूकंप उत्पन्न होने का मुख्य कारण ही तरंग होता है. धरातल की निचली सतह मे तरंगों का उत्पन्न होना,

जल जीवन हरियाली (Jal Jeevan Hariyali )

पृथ्वी पर इंसान के लिए अगर सबसे बेहतरीन उपहार कुछ है तो वह प्राकृति से मिली हुई वस्तुएं।लेकिन बीते कुछ सालों से मनुष्य जिस प्रकार से तरक्की की आढ़ में इन प्राकृतिक स्रोतों को नुकसान पंहुचा रहा है यह तो हम सभी जानते हैं। पर अब अच्छी बात यह है की हमारी सरकारे भी प्राकृतिक को फिर से बेहतर बनाने के लिए और स्रोतों के सही इस्तेमाल के लिए कई योजनाएं ला रही हैं। ऐसी ही एक योजना बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही है। बिहार की इस योजना का नाम है, जल जीवन हरियाली योजना। इसके जरिए ना केवल प्रदेश में फिर से पेड़ लगाने की मुहिम पर काम होगा, बल्कि वर्षा के पानी से सिंचाई की व्य्वस्था की जाएगी।   बिहार जल जीवन हरियाली योजना क्या है  जल जीवन हरियाली योजना के जरिए बिहार सरकार वातावरण में सुधार करना चाहती है, साथ ही किसानों वर्षा के पानी के लिए जल सरंक्षण को बढ़ावा देना चाहती है। योजना के जरिए किसानों के आवेदन पर सरकार की तरफ से किसानों को 75,500 रूपए की सब्सिडी दी जाएगी। जिसके जरिए वह अपने खेतों के आस पास तालाब का निर्माण करेंगे। इसके अलावा तालाब के आस पास पेड़ लगाए जाएंगे ताकि हरियाली को बढ़ाया जा सके। बि